- प्रसव में आसानी होती है |
- थन के विकास में मदद करता है |
- जेर ना गिराना एवं अंग / पीछा दिखाना, जैसी समस्या कम हो जाती है |
- पशु के मिल्क फीवर से बचाने में मदद करता है |
- थनों को आकर्षक एवं खुबसूरत बनाता है |
Dosages :
50gm twice daily before 2 months of calving / parturition for 20 days or as directed by the veterinarian.